नज़र तेरी तूफ़ान ह फिसल रहा ईमान ह की रात हमसे कह रह आ चुप को तोड़ द हाँ हम ज़रा मदहोश ह हाँ फिर ज़रा हैरान ह की रात हमसे कह रह तकल्लुफ़ छोड़ द की तेरे घर म खाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ स रह जाने द की तेरे दिल म खाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ स रह जाने द संभालना है मुश्किल ज़र बिखरना भी आसाम ह की रात हमसे कह रह आ चुप को तोड़ द की तेरे घर म खाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ स रह जाने द की तेरे दिल म खाली सी है जो जगह उसमें मुझे राज़ स रह जाने द रह जाने द रह जाने द