Gulabi (feat. Vishal Mishra)

Shreya Ghoshal

Composição de: Raj Shekhar/Vishal Mishra
देखो ना कैसे से दिन आ रहे ह
कैसे यूं ही हम हंसे जा रहे ह
हसते हुए सबसे टकरा रहे ह
टकरा के लोगों से घबरा रहे ह

हमको पता है ये सब ख्वाब सा ह
मोहब्बत में सच ये जिए जा रहे ह

गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह

पहाड़ों के ऊपर इक छोटा सा घर ह
कोई पेंटिंग सी हंसी दोपहर ह
हवाओं में थोड़ी खुनक है गुलाब
मिलने की जो है तड़प है गुलाब

गुलाबी पहाड़ों पे वैसे ही बादल
ज़मीन तो ज़मीन है फलक भी गुलाब
हमको पता है ये सब ख्वाब सा ह
फिर भी मोहब्बत किए जा रहे ह

गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
गुलाबी गुलाबी हुए जा रहे ह
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