Tum Ho Toh (feat. Hansika Pareek)

Vishal Mishra

Composição de: Raj Shekhar/Vishal Mishra
इन हाथों में जब से है आया है हाथ तुम्हारा
जैसे दरिया की हलचल को मिल जाए कोई किनारा

तुम्हारे संग आवारगी भी
आवारगी भी देती है जैसे सुकून
तुम्हारे संग हर एक लम्हा
हर एक लम्हा यादें नयी मैं बुनूँ

तुम हो तो सुबह नयी है
तुम हो तो शामें हसीं हैं
एक दुनिया सपनों सी है
तुम हो तो इस पे यकीन है

तुम हो तो सब अच्छा है
तुम हो तो वक्त थामा है
तुम हो तो ये लम्हा है
तुम हो तो इसमें सदा है

तुम हो तो
इस लम्हे में सदा है

तुम मिले इन दर्दों में राहत बन के
तुम मिले एक सूफ़ी की चाहत बन के
मैं क्या कहूँ, कोई लफ़्ज़ ही काबिल नहीं हैं
पर मुझको इतना है पता

तुम्हारी इन आँखों से सारे
आँखों से सारे ले लूँ अन्धेरे तेरे
मेरी जान, अभी बातेंगें मिल के
बातेंगें मिल के सारे सवेरे मेरे

तुम हो तो धूप है मद्धम
तुम हो तो छाँव है हर दम
तुम हो तो हक़ में है
मेरे आते-जाते ये मौसम

तुम हो तो सब अच्छा है
तुम हो तो वक़्त थामा है
तुम हो तो ये लम्हा है
तुम हो तो इसमें सदा है

हम, ना जाने ऐसे हम कब हँसे थे
हम ऐसे ही बेसबब जी रहे थे
मेरी ये दुआएँ सुन ली किसी ने
लगता है सच में खुदा है
ऐसे तो कोई भी मिलता कहाँ है
जैसे मुझको तू मिला

तुम्हारे संग जो भी मिला है
अब एक पल भी खोना नहीं है मुझे
तुम्हारे संग रातों जग के देखूँ तुम्हें
बस सोना नहीं है मुझे

तुम हो तो सब अच्छा है
तुम हो तो वक़्त थामा है
तुम हो तो ये लम्हा है
हाँ, इसमें ही तो सदा है

तुम हो तो, जब हो तुम
जो तुम तो
तुम हो तो, तुम ही तुम हो
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